(न्यूज़ -राजीव गोयल)

पलियाकलां- खीरी बांकेगंज में छात्र मेहनत करें, अपने भावी कैरियर के ऊंचे सपने देखें, सपने पूरे होने में धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। यह बात इंडियन बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक बाँकेगंज दिलीप कुमार यादव ने शनिवार को विनायक इंटर कॉलेज बांकेगंज में आयोजित छात्र अभिप्रेरक कार्यशाला में शिक्षा ऋण के संबंध में जानकारी देते समय कही।
प्रायः देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र- छात्राएं अपने मनवांछित पाठ्यक्रम में आर्थिक समस्याओं के कारण प्रवेश लेने से वंचित रह जाते हैं। कई विद्यार्थी ऐसे भी होते हैं जो अपने घर की आर्थिक तंगी के कारण यह समझ लेते हैं कि वे यदि कठिन परिश्रम करके अच्छे अंक ले भी आएंगे तो भी माता-पिता उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश दिलाने में असमर्थ होंगे। विद्यार्थियों के मन से इन बातों को दूर करने तथा उन्हें अपने कैरियर के प्रति जागरूक करने के लिए शनिवार को विनायक इंटर कॉलेज बांकेगंज में छात्र अभिप्रेरक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप में इंडियन बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक दिलीप कुमार यादव पहुंचे थे। उन्होंने शिक्षा ऋण के संबंध में व्यापक चर्चा करते हुए छात्र छात्राओं को बताया कि विद्यार्थी अपने मस्तिष्क से यह बात निकाल दें कि आर्थिक समस्या उनके करियर में बैरियर बन सकती है विद्यार्थी ने यदि कठोर मेहनत करके नीट, जेईई, पॉलिटेक्निक, क्लैट जैसी परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है और किसी अच्छे संस्थान में प्रवेश मिलता है तो बैंक ऋण देने के लिए सहज ही तैयार है। विदेश में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी ऋण दिया जाता है। ऋण के रूप में विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लेने में दिया गया खर्च और हॉस्टल का खर्च भी शामिल होता है। ऋण की राशि 30 लाख तक हो सकती है। इस ऋण की वापसी पाठ्यक्रम की अवधि और उसके एक वर्ष बाद आसान किस्तों में विद्यार्थी से ली जाती है। यदि वह चाहे तो एक मुश्त भी ऋण चुका सकता है।
विद्यालय के अंकेक्षक पी एल मौर्य ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि आप सभी अपना ऊंचा लक्ष्य निर्धारित कीजिए और उसके लिए मंजिल मिलने तक दिन रात एक कर दीजिए। आर्थिक समस्याओं की परवाह बिल्कुल मत कीजिए क्योंकि जब आप सभी प्रवेश पाने की योग्यता हासिल कर लेंगे तो बैंक आपकी आर्थिक समस्याओं को दूर करने के लिए आगे बढ़कर सहयोग करने के लिए तैयार है।
विद्यालय के प्रबंधक राजीव गोयल ने कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे छात्र, गाँव और समाज हित में उन अभिभावकों को भी जागरूक करें जो आर्थिक समस्याओं का हवाला देकर अपने छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने से हतोत्साहित करते हैं।
कार्यशाला में छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रबंधक और शिक्षक भी सम्मिलित रहे।

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