(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलिया कलां (खीरी)वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा हेतु आम जनमानस को जागरूक करना हो या भयाक्रांत स्थितियों में आस-पास सुरक्षात्मक कवच का एहसास दिलाना हो। हर स्थिति का तत्परता से सामना करने के लिए तैयार रहती है दुधवा ग्रीन सोल्जर की टीम। एक ही दिन में तीन-तीन रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग पलिया खीरी की दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन की टीम ने। आज प्रथक-प्रथक पलिया क्षेत्रांतर्गत पलिया, मझगई एवं अजीत नगर से सुश्री नाजरुन निशा मोटीवेटर को सर्प की उपस्थिति की सूचनाएं प्राप्त हुई। सूचनाएं प्राप्त होते ही तत्काल प्रभाव से सुश्री नाजरुन निशा मौके पर पहुंचकर तीनों जगह सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया तथा इसके उपरांत मौके पर उपस्थित लोगों को इन जीवों की आस-पास उपस्थित होने की स्थिति में रखने वाली सावधानियां के बारे में बताया गया। साथ ही यह भी हिदायत दी कि किसी भी स्थिति में जीवों को हताहत न किया जाए अपितु समय से सूचना प्रदान की जाए। जीवों की उपस्थिति की स्थिति में पैनिक होने के बजाय विशेषज्ञों के पहुंचने तक ध्यानपूर्वक उस पर नजर बनाए रखें। अधिकांशत: उनको परेशान न किए जाने की स्थिति में वह स्वयं ही सुरक्षित स्थान की ओर प्रस्थान कर जाते हैं। ध्यान रहे कि कोई जीव जब जब तक अपने आपको असुरक्षित महसूस नहीं करता है तब तक वह आक्रामक नहीं होता और असुरक्षित होने पर तो इंसान भी बेकाबू हो जाते हैं। दोनों में थोड़ा सा अंतर यह है कि हमें इंसानों की प्रकृति का बखूबी अंदाजा है। इसलिए हम जान लेते हैं कि कब वह नाराज और कब वह प्रसन्न हैं परंतु अन्य जीवों की प्रकृति का ज्ञान न होने के कारण अधिकांशतः हम उसकी विपरीत शैली का अंदाजा नहीं लगा पाते हैं। लोगों को जागरूक करने के पश्चात रेस्क्यू अंजामदाता द्वारा सर्पों को उनके प्राकृतिक वास स्थल में अवमुक्त कर दिया गया। तीन सर्पों में से दो रैट स्नेक और एक पाइथन। सामान्य दिखाई देने वाली यह प्रक्रिया हंसी-मजाक का खेल नहीं है। इस अभियान में पल-पल का खतरा रहता है। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जीव का थोड़ा परेशान होना स्वाभाविक है ऐसी स्थिति में उसके आक्रामक होने का अंदाजा स्वमेव लगाया जा सकता है। ऐसे समय में जब आपको स्वयं भी यह अंदाजा हो कि वन्य जीव इस समय असामान्य है ऐसी स्थिति में उस पर हांथ डालना आसान नहीं होता। सामान्य व्यक्ति की हृदयगति तो उसकी उपस्थिति से ही बढ़ जाती है और खतरनाक स्थिति वह स्थिति होती है जब रेस्क्यू ऑपरेशन किसी वृक्ष से करना हो। उस समय जीव की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखनी पड़ती है। इतना आसान नहीं होता एक महिला होकर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देना।
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