(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलिया कलां (खीरी) दुधवा टाइगर रिजर्व अपनी विविध जैव विविधता के लिए जाना जाता है। यहां जहां एक ओर अच्छी संख्या में वन एवं वन जीवों के सुरक्षार्थ की जा रही पेट्रोलिंग एवं मॉनिटरिंग किए जाने की दृष्टि से कैप्टिव एलीफेंट का प्रबंध है। वहीं यहां दो गैण्डा पुनर्वास केंद्र स्थापित है, जिसमें 46 गैण्डा विद्यमान हैं । इसके साथ ही वर्तमान में बच्चों सहित 6 गैण्डा पुनर्वास केंद्र से स्वतंत्र स्वछंद विचरण करते नजर आते हैं। बाघ, जंगली हाथी, भालू दीदार के चर्चे पहले भी निरंतर सुर्खियों में रहते हैं। क्षेत्रीय वन अधिकारी दक्षिण सोनारीपुर सुरेन्द्र कुमार द्वारा वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षार्थ की जा रही पेट्रोलिंग की मानीटरिंग के दौरान अर्ध जलीय स्तनधारी वन्य जीव उदविलाव का झुंड खुलेआम मस्ती करता हुआ यकायक दिखाई देने पर आकर्षण का केंद्र बन गया। जिस प्रकार यह वन्य जीव यहां स्वछंद क्रीड़ा करते हुए दिखाई दे रहे हैं वह इनके सुरक्षा के प्रति आश्वस्त होने एवं अन्य वन्य जीवों के साथ सह अस्तित्व की कहानी स्वयं बयां कर रहे हैं।
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