(ओम प्रकाश ‘सुमन’)

पलिया कलां (खीरी)दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के शाषी निकाय की 05वीं बैठक का दुधवा पर्यटन परिसर में वनमंत्री की अध्यक्षता में किया गया आयोजन।
 दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के शासी निकाय बैठक में वनमंत्री के साथ, शीर्षस्थ वन विभाग के अधिकारीगण रहे उपस्थित।
 वन एवं वन्य जीव संरक्षण संबंधी विभिन्न राजकीय कार्यों हेतु दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के अंर्तगत किए गए प्रावधान।
 दुधवा दर्शन हेतु सैलानियों के आकर्षण को ध्यान मे रखते हुए लगभग मात्र 05 प्रतिशत पर्यटन दरों में ही किया गया आंशिक संशोधन।
 किशनपुर वन्य जीव विहार में प्रावधानित वनमार्ग शुल्क में स्कूली वाहनों को किया गया शुल्कमुक्त।
 शाषी निकाय की बैठक में कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग बहराइच, दुधवा टागर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी, वन निगम की काफी टेबल बुक एवं पर्यटन टीजर का किया गया विमोचन।
 वन निगम के साथ पूर्ण पर्यटन को आनलाइन किए जाने पर दिया गया बल।
 पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले नेचर गाइड एवं वाहन चालकों को प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित।
दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी के अंर्तगत संचालित दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन की आज दिनांक 31.10.2025 को सायं 02.00 बजे से दुधवा पर्यटन परिसर में अरुण कुमार सक्सेना, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, सरकार की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक का अतिथिगणों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया। बैठक का संचालन सुश्री कीर्ति चौधरी, प्रभागीय वनाधिकारी, उत्तर खीरी वन प्रभाग/उप निदेशक (बफर जोन), दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी द्वारा किया गया। बैठक में उपस्थित अतिथिगणों के मध्य स्वागत अभिभाषण श्रीमती अनुराधा वैमुरी, प्रधान मुख्य वन सुरक्षक, वन्य जीव, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा किया गया। उनके द्वारा दुधवा की जैवविवधता, वुडलैण्ड, वेटलैण्ड एवं ग्रासलैण्ड पर प्रकाश डालते हुए पर्यटन क्षेत्र में किए गए कार्यों पर आंशिक प्रकाश डाला गया।ं
बैठक को अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा सम्बोधित करते हुए शाषी निकाय बैठक के सदस्यों एवं दुधवा प्रबंधन से आग्रह किया गया है कि दुधवा पर्यटन क्षेत्र के विकास में आवश्यक समस्त उपाय सुनिश्चित किए जाएं, सेमिनार का आयोजन, दुधवा वन एवं वन्य जीव आधारित चलचित्र का आयोजन किया जाए एवं अन्य आवश्यक उपाय सुनिश्चित किये जाएं।
बैठक को सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, लखनऊ द्वारा संबोधित करते हुए बैठक में उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुए सर्वप्रथम दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के शाषी निकाय की बैठक प्रथम बार दुधवा में आयोजित किए जाने की हार्दिक बधाई ज्ञापित की गई। साथ ही दुधवा पर्यटन क्षेत्र में आवश्यक विकास के संबंध में कैम्पा परियोजना के अंर्तगत आवश्यक प्रावधान कराते हुए अमल में लाए जाने पर बल दिया गया।
दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के अंर्तगत विगत वर्षों में कराये गये कार्यों का प्रस्तुतिकरण डॉ0 एच0 राजामोहन, मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी द्वारा किया गया। अत्यंत आवश्यक कार्यों हेतु त्वरित क्रियान्वयन की दृष्टि से दुधवा बाघ संरक्षण फाउण्डेशन के अंर्तगत व्यय किया जाता है, जिसका प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत प्राप्त बजट के उपरांत समायोजन कर लिया जाता है।
वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण हेतु विभिन्न जगहों पर लगाई गई चेनलिंक फेंसिंग के प्रभाव की समीक्षा करते हुए वनमंत्री जी एवं श् अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, उत्तर प्रदेश, सरकार द्वारा जानकारी ली गई। तत्क्रम में डॉ0 एच0 राजामोहन, मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर खीरी द्वारा संज्ञान में लाया गया कि जहां-जहां पर चेनलिंक फेंसिंग लगाई गई है, वहां चेनलिंक फेंसिंग लगाए जाने से पूर्व घटित घटनाओं पर अंकुश लगा है।
जनप्रतिनिधि बहराइच द्वारा पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के दृष्टिगत जनपद बहराइच में हेल्प डेस्क खोले जाने एवं अन्य आवश्यक सुझाव दिए गए। प्रतिनिधि जिला पंचायत अध्यक्ष, लखीमपुर-खीरी द्वारा दुधवा के प्रचार -प्रसार की दृष्टि से अन्य जिलों में होर्डिग्स, साइनेज बोर्ड आदि लगाए जाने पर बल दिया गया।
अन्य वन्य जीव विहारों, टाइगर रिजर्व में हो रही सफारी एवं पर्यटन संबंधी दरों पर चर्चा करते हुए जगदीश आर, उप निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी द्वारा आवश्यक दरों में वृद्धि किये जाने हेतु प्रस्ताव रखा गया, जिसे अध्यक्ष एवं अन्य सदस्यगण द्वारा स्वीकार करते हुए कुल निर्धारित दरों में से लगभग 05 प्रतिशत दरों का आंशिक परिवर्तन किया गया है, जिसमें प्रमुखतः प्रवेश शुल्क 200 से 250, गैण्डा दर्शन हेतु नियत दर 150 से प्रति व्यक्ति 200, सामान्य कैमरा का 100 से रुपया 200 आदि दरें शामिल हैं।
वनमंत्री जी दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी के अंर्तगत संचालित सुहेली नदी की डिसिल्टिंग के संबंध में आवश्यक कार्यवाही शीघ्र संपादित किए जाने पर बल दिया गया। अंत में कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, वन निगम द्वारा बनाई गई काफी टेबल बुक, टीजर, वेबसाइट का विमोचन किया गया। इसके उपरांत पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले नेचर गाइड परसराम, जयपाल राना एवं वाहन चालक हरी ओम सिंह एवं मो0 इलियास को वनमंत्री द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गय।
बैठक में अरुण कुमार, सक्सेना, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, सरकार, अनिल कुमार, प्रमुख सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश, सरकार, सुनील चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, श्रीमती अनुराधा वैमुरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्य जीव, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, रामकुमार अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रोजेक्ट टाइगर, उत्तर प्रदेश, लखनऊ, डॉ0 एच0 राजामोहन, मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड निदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी, जगदीश आर0 उपनिदेशक, दुधवा टाइगर रिजर्व प्रभाग, पलिया-खीरी, प्रतिनिधि, जिला पंचायत अध्यक्ष, लखीमपुर-खीरी, जनप्रतिनिधि प्रतिनिधि, बहराइच, सुश्री कीर्ति चौधरी, प्रभागीय वनाधिकारी, उत्तर खीरी वन प्रभाग/उप निदेशक (बफर जोन), दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी, सुश्री मनीषा धार्वे भ0प्र0से0 (प्रोबेशन), मुदित गुप्ता, वरिष्ठ समन्वयक, विश्व प्रकृति निधि भारत, सुरेन्द्र कुमार, प्रभारी क्षेत्रीय वन अधिकारी, दक्षिण सोनारीपुर रेंज, बिटटूलाल, अध्यक्ष ईको विकास समिति बनघुसरी, श्रीस दीक्षित सीए आदि लोग उपस्थित रहे।

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