(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी)लखीमपुर खीरी, 25 जुलाई। जिस कक्षा में कभी पसीने में भीगते बच्चों की खामोशी थी, वहां अब बिजली की रौशनी में गूंजती सीखने की आवाजें हैं। सीडीओ अभिषेक कुमार का एक निरीक्षण, एक फैसला और एक प्रतिबद्धता उच्च प्राथमिक विद्यालय सांडा को अंधेरे से निकालकर उम्मीदों के उजाले में ले आया।

निरीक्षण के दौरान जब सामने आया कि विद्यालय में विद्युत कनेक्शन ही नहीं है, तो सीडीओ ने न कोई फाइल पलटी, न कोई रिपोर्ट मांगी। मौके पर ही आदेश हुआ विद्युत पोल लगेगा, वायरिंग होगी, और बच्चों को बिजली मिलेगी।

सीडीओ के निर्देश पर बिजली विभाग और शिक्षा विभाग ने रिकॉर्ड समय में विद्यालय तक पोल खिंचवाया, वायरिंग कराई और कनेक्शन जोड़ा। आज शुक्रवार को जब सीडीओ अभिषेक कुमार दोबारा उसी विद्यालय में पहुंचे, तो विद्यालय में सिर्फ बिजली ही नहीं थी। बच्चों और शिक्षकों की आंखों में आभार और भावनाओं का उजाला भी था। विद्यालय परिवार भावुक हो गया। शिक्षक सीडीओ से गले मिलकर धन्यवाद देते नजर आए।

सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि सरकारी योजनाएं तभी सफल हैं, जब उसका लाभ स्कूल की आखिरी कक्षा में बैठे बच्चे तक पहुंचे। मेरा प्रयास है कि मा.मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप जिले का एक भी विद्यालय बिना बिजली या सुविधा के न रहे।

पॉलिथीन में लाते थे किताबें… सीडीओ ने थमाया सपना सजाने वाला बैग!

परिषदीय विद्यालय कुंवरपुर के निरीक्षण के दौरान सीडीओ अभिषेक कुमार ने जब बच्चों को पॉलिथीन में किताबें लाते देखा, तो यह दृश्य उन्हें विचलित कर गया। जांच में पाया कि डीबीटी से छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में बैग व स्टेशनरी की अनुमन्य धनराशि भेजी जा चुकी, बावजूद इसके बच्चों के पास जरूरी सामग्री का अभाव था। इस स्थिति को नजरअंदाज करने के बजाय सीडीओ ने मानवीय पहल की मिसाल पेश की।

सीडीओ अभिषेक कुमार ने शुक्रवार को विद्यालय के सभी 30 बच्चों को स्वयं की ओर से स्कूल बैग और स्टेशनरी किट (पेंसिल, रबर, कटर, स्केल, ज्योमेट्री बॉक्स व वाटर कलर स्केच) प्रदान की। जैसे ही बच्चों के हाथों में बैग पहुंचे, चेहरे खुशी से खिल उठे, आंखों में चमक और पढ़ाई के प्रति नई उमंग दिखाई दी।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *