(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)लखीमपुर खीरी, 19 जुलाई। खरीफ सीजन में किसानों को समय पर व पारदर्शी ढंग से उर्वरक उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने शनिवार को तहसील मितौली क्षेत्र के दो प्रमुख उर्वरक वितरण केंद्रों पर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने किसानों से सीधा संवाद स्थापित कर व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत जानी, वहीं वितरण से संबंधित दस्तावेज़, टोकन प्रणाली और अभिलेखों की गहन जांच की। इस दौरान एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह, जिला कृषि अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह, एआर कॉपरेटिव रजनीश प्रताप सिंह मौजूद रहे।
डीएम सबसे पहले बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड (बी-पैक्स), कस्ता पहुंचीं। यहां खाद लेने पहुंचे किसानों से उन्होंने संवाद किया और टोकन वितरण प्रणाली की पड़ताल की। उन्होंने वितरण काउंटर पर मैन्युअल और डिजिटल एंट्री को देखा और कृषकों द्वारा प्रस्तुत किए गए खसरा, खतौनी सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की। समिति के कार्य से किसान संतुष्ट नजर आए। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि हर किसान को उसकी भूमि के अनुसार ही उर्वरक मिले, और वितरण प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और दस्तावेजों पर आधारित हो।
इसके बाद डीएम गिरी फर्टिलाइज़र विक्रय केंद्र, बेहजम पहुंचीं। यहां भी उन्होंने उर्वरक प्राप्त कर रहे किसानों से बातचीत की और विक्रेता द्वारा संधारित स्टॉक रजिस्टर, वितरण रसीद और खरीदारों की प्रविष्टियों का मिलान किया। डीएम ने किसानों से संतुलित मात्रा में ही उर्वरक खरीदने और फसल की ज़रूरत के अनुसार उपयोग करने की सलाह दी, जिससे उत्पादकता बढ़े और मृदा की उर्वरता बनी रहे।
निरीक्षण के दौरान डीएम ने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि किसान को समय पर, सही मात्रा में और उचित मूल्य पर खाद मिले। किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक समिति में निगरानी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जा रहे हैं, जहां वितरण से पूर्व गाटा संख्या व रजिस्टर प्रविष्टि का मिलान अनिवार्य होगा। कोई भी लापरवाही या अनियमितता सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
*”अब न इंतजार, न अफरा-तफरी… खाद कहाँ है, जानकारी खुलेआम!”*
प्रशासन की एक नई पहल के तहत अब किसानों को यह जानने में सुविधा होगी कि उनके क्षेत्र में किस निजी दुकान पर उर्वरक उपलब्ध है। इसके लिए प्रत्येक पैक्स समिति परिसर में उन निजी विक्रेताओं की सूची चस्पा की गई है, जहां खाद की उपलब्धता बनी हुई है। किसान इस सूची को देखकर अपनी आवश्यकता के अनुसार सीधे संबंधित दुकान से उर्वरक प्राप्त कर सकेंगे। इस व्यवस्था से समितियों पर अनावश्यक भीड़ नहीं जुटेगी और वितरण प्रणाली अधिक व्यवस्थित व पारदर्शी हो सकेगी। किसानों को राहत देने और वितरण में संतुलन लाने की दिशा में यह कदम सराहनीय माना जा रहा है।