(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)गोला गोकर्णनाथ बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड चीनी मिल गोला के मिल गेट ज़ोन के ग्राम कपरहा में कृषक नरेश चन्द्र बाजपेयी पुत्र बराती लाल बाजपेयी के खेत पर गन्ना प्रजाति को०- 0118 के दो आंख के टुकड़े काटकर बीज उपचार थायोफेनेट मिथाइल से एवं भूमि उपचार ट्राइकोडर्मा से कराकर बसंत कालीन गन्ने की बुवाई चीनी मिल के वरिष्ठ महाप्रबंधक गन्ना पी. एस. चतुर्वेदी एवं प्रबंधक गन्ना सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने अपने कर कमलो से दो-दो आंख के टुकड़ों को रिंग पिट से तैयार खेत में डालकर प्रारंभ कराई। गन्ना बुवाई के उपरांत खेत पर ही एक कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ महाप्रबंधक गन्ना ने कृषकों को बताया कि बसंत कालीन गन्ना बुवाई रिंग पिट विधि से करने में किसानों को दो आंख के टुकड़े काटकर गड्ढे से गड्ढे की दूरी कम से कम 4 फिट तथा गड्ढे का डाया 2 से 3 फिट पर गन्ना बुवाई करना चाहिए। इस विधि से बोए गए गन्ने के सभी कल्ले मिल योग्य गन्ना बनते हैं,गन्ना गिरता नहीं है तथा सिंचाई खाद व कीटनाशक का प्रयोग आसानी से गड्ढों में किया जा सकता है। साथ ही प्रबंधक गन्ना सत्येन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि मिल क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में उन्नतशील प्रजातियों का बसंत कालीन गन्ना बुवाई हेतु बीज उपलब्ध है तथा चीनी मिल द्वारा भी कृषको को उपलब्ध कराया जा रहा है तथा मृदा उपचार हेतु ट्राइकोडर्मा व बीज उपचार हेतु थायोफेनेट मिथाइल मिल द्वारा कृषकों को छूट पर उपलब्ध कराया जा रहा है। गोष्ठी में क्षेत्र के प्रगतिशील किसान नीरज बाजपेयी,सोनू मिश्र,अवधेश यादव,राजीव वर्मा,श्रीकान्त तिवारी सहित तमाम कृषक तथा चीनी मिल के सहायक अधिकारी गन्ना रावेन्द्र कुमार, कामदार रामआसरे उपस्थित रहे।
महाप्रबंधक गन्ना ने क्षेत्र के सभी किसानों से आग्रह किया कि वे अपना गन्ना मिल को आपूर्ति करे।