(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी)आज दिनांक 13.09.2024 को मोहम्मदी रेंज के अन्तर्गत बाघ प्रभावित क्षेत्र मूड़ा अस्सी में बाघ को पुनः लोकलाइज कर लिया गया है। बाघ को पकड़ने हेतु उक्त स्थल पर पिंजरे लगाये गये हैं। डा0 दया, पशुचिकित्सक एवं डा0 नितेश कुमार कटियार, पशुचिकित्सक कानपुर चिड़ियाघर वनकर्मियों के साथ क्षेत्र को आइसोलेट करते हुये बाघ को ट्रैंक्युलाइज करने का प्रयास कर रहे हैं। बाघ को रेस्क्यू करने की प्रक्रिया के दौरान लोगों को उक्त क्षेत्र में जाने से रोका गया है। वन कर्मी इमलिया, अजान, मूड़ा जवाहर, घरथनियां एवं बांसगाव सहित समीपवर्ती ग्रामों में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के दृष्टिगत संवाद स्थापित कर रहे हैं। क्षेत्र में हुयी बारिष के कारण क्षेत्र में कुछ घंटे कांम्बिंग प्रभावित हुयी किन्तु दिनांक 13.09.2024 की जल्द सुबह बाघ को पकड़ने हेतु बांधे गये पड्डे पर बाघ द्वारा किये गये हमले के बाद बाघ को लोकलाइज कर लिया गया।
मोहम्मदी एवं गोला के बाघ प्रभावित क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम हेतु जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में बाघ मित्र ग्रामीणवासियों को वन्यजीव एवं जनमानस सुरक्षा के उपाय सुझायेंगे। ग्राम के चौराहों, नुक्कड़ों एवं पंचायत भवनों में गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं। जनजागरूकता कार्यक्रम में प्रशासन, स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग के साथ डब्लूडब्लूएफ-इण्डिया संस्था का सहयोग लिया जा रहा र्है।जनमानस से अपील की जाती है कि उक्त क्षेत्र में कहीं भी वन्यजीव देखे जाने अथवा पगमार्क मिलने पर तत्काल वनकर्मियों को सूचित करें। वनकर्मियों के पहुंचे तक क्षेत्र में न जायें। सूर्यास्त के बाद खेत खलियान में न जायें। खुले में शौच के लिए कदापि न जायें।

(संजय कुमार बिश्वाल)
प्रभागीय वनाधिकारी
दक्षिण खीरी वन प्रभाग

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