(ओमप्रकाश ‘सुमन’)

पलियाकलां- (खीरी)दुधवा नेशनल पार्क की लाइफ लाइन सुहेली नदी पर सुहेली साइफन(24 बैरल) की अपस्ट्रीम व डाउन स्ट्रीम से अतिक्रमण खाली करा कर नदी का प्रवाह साइफन से प्रवाहित कराने के सम्बन्ध में भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि हम प्रार्थीगण ग्राम खैरटिया, दलराजपुर, मुर्तिहा सिन्हौना, सहनखेडा, रमुआपुर, अयोध्यापुरवा, बेनीपुरवा, बसंतापुर, पोखरी, निबौरिया, जसनगर आदि गांवों के निवासी हैं। दुधवा नेशनल पार्क की वन सम्पदा जीव-जन्तुओं तथा हम ग्रामवासियों की एक गम्भीर समस्या प्रत्येक वर्षाकाल में आ रही भीषण बाढ को लेकर है। इस समस्या का मुख्य कारण हमारे क्षेत्र में घाघरा बैराज से शारदा बैराज को जाने वाली नहर (शारदा सहायक सिंचाई परियोजना) पर पड़ने वाले सुहेली नदी के प्रवाह को घाघरा में निकालने हेतु बनाये गये 24 बैरल के सुहेली साइफन जो शारदा सहायक नहर पर बना है तक पानी प्रवाहित नहीं होता है। मेंजौरहा नाला व कई अन्य छोटे नदी-नालों का पानी सोती साइफन (12 बैरल) से निकलता है उसी में सुहेली नदी का पानी डायवर्ट सुहेली साइफन बनते समय 1974 में किया गया था ।उसके बाद से सुहेली साइफन (24 बैरल) से सुहेली नदी के पानी का निकास नहीं हो सका है। आवश्यकता है दुधवा नेशनल पार्क तथा उपर्युक्त ग्रामों को बाढ़ से बचाने हेतु सुहेली नदी की भूमि से लठौआ घाट से आगे अतिक्रमण हटाकर पानी के प्रवाह को सुहेली साइफन तक प्रवाहित किया जाये ।जिससे उपरोक्त सभी ग्रामों की कई हजार एकड़ धान व गन्ने की फसलें व दुधवा पार्क को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही सडके टूटकर खराब हो जाती हैं व कई महीने बच्चों की पढ़ाई अवरूद्ध रहती है जान-माल के नुकसान से भी राहत मिलेगी। सरकार द्वारा सुहेली नदी सुहेली बैराज की अपस्ट्रीम में केवल डिसिल्टिंग कराकर बाढ़ की समस्या का समाधान नहीं हो सकता है। जब तक कि सुहेली बैराज, सुहेली साइफन से पानी का उचित प्रवाह सही प्रकार से खोल न दिया जाय।अतः श्रीमान से प्रार्थना है कि हम सब ग्रामवासियों व दुधवा नेशनल पार्क की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए सुहेली नदी की भूमि से अतिक्रमण(सुहेली साइफन की अप स्ट्रीम व डाउन स्ट्रीम से हटवा कर ) सुहेली साइफन से सुहेली नदी के पानी का प्रवाह घाघरा नदी में निकलवाने की कृपा की जाए। ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वालों में ग्राम प्रधानोंमें एक दर्जन से अधिक ग्राम प्रधान हैं। साइफन से पानी न निकलने के कारण इसका विरोध ग्रामीण धरना प्रदर्शन करके कर चुके हैं।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *