(ओमप्रकाश ‘सुमन’)
पलियाकलां- (खीरी)मितौली क्षेत्र के पिपरिया गांव के उच्च प्रार्थमिक विद्यालय प्रांगण में चल रहे विराट 9 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ के चौथे दिन अपने नियत समय से यज्ञ आरम्भ हुई , जिसमें विद्यारम्भ संस्कार,नामकरण संस्कार, पुंशवन संस्कार ,अन्नप्राशन संस्कार ,शान्ति कुंज के प्रशिक्षित आचार्यो द्वारा कराये गए ।
कार्यक्रम के चौथे दिन सुबह से
कई पारियों में श्रद्धालु भक्तों ने यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान की गईं। नव कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा युग ऋषि वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एवं परम बन्दनीया माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण व ऋषि तंत्र के मार्गदर्शन में मानव मात्र को विश्वव्यापी संकटों से उबारने एवं सही रास्ते पर चलने का सन्मार्ग मिल सके। इसी मंगलमय उद्देश को लेकर पिपरिया गांव।में नव कुंडीय गायत्री महा यज्ञ का आयोजन किया गया । भक्तों ने अपनी अपनी श्रद्धा ,भावना व निष्ठा जोड़ते हुए यज्ञ भगवान से मंगलमय प्रार्थना के साथ आहुतियां समर्पित की गईं। शांति कुंज के प्रशिक्षित आचार्य टोली नायक सत्य नारायण सिंह,सहायक टोली नायक आचार्य अमर पाल अपने साथियों के साथ सायं कालीन बेला में विभिन्न प्रकार के संस्कारों के बारे में बताते हुये अष्टावक्र की कथा इस प्रकार सुनाया ,उद्दालक ऋषि के पुत्र का नाम श्वेतकेतु था। उद्दालक ऋषि के एक शिष्य का नाम कहोड़ था। कहोड़ को सम्पूर्ण वेदों का ज्ञान देने के पश्चात् उद्दालक ऋषि ने उसके साथ अपनी रूपवती एवं गुणवती कन्या सुजाता का विवाह कर दिया। कुछ दिनों के बाद सुजाता गर्भवती हो गई। एक दिन कहोड़ वेदपाठ कर रहे थे तो गर्भ के भीतर से बालक ने कहा कि पिताजी! आप वेद का गलत पाठ कर रहे हैं। यह सुनते ही कहोड़ क्रोधित होकर बोले कि तू गर्भ से ही मेरा अपमान कर रहा है इसलिये तू आठ स्थानों से वक्र (टेढ़ा) हो जायेगा। इस प्रकार अष्टावक्र की कथा सुनाते हुए श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। तत्पश्चात दीप यज्ञ का कार्यक्रम किया गया जिसमे क्षेत्र की सैकड़ों की संख्या में माताओं बहनों ने बढ़ चढ़ कर भागीदारी निभाई ततपश्चात प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया।
कार्यक्रम का कुसल संचालन परम् विद्वान आचार्य अमर पाल जी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार पिपरिया – मितौली के तहसील प्रभारी मास्टर कामता प्रसाद मौर्य ,लालजी प्रसाद वर्मा ,सुसील कुमार वर्मा ने सभी कार्य कर्ताओं को धन्यवाद देते हुए चौथे दिन का कार्यक्रम समापन किया गया। आज बुधवार को पांचवें दिन सुबह नित्य की भांति गायत्री यज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा सुनाई जाए गी ततपश्चत कन्या भोज एवं विसाल भंडारा एवं टोली विदाई के बाद कार्यक्रम का समापन किया जायेगा।