गन्ना सर्वेक्षण कार्य 15 अप्रैल से 15 जून तक चलेगा  का शेष भाग

-4-

(i)-सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ करने से पूर्व सभी किसानों से उनके द्वारा बोये गये गन्ना क्षेत्रफल के सम्बन्ध में आनलाइन घोषणा पत्र अनिवार्य रूप से भरने विषयक एस.एम.एस. के माध्यम से सूचना भेजी जाय।

(ii)-सर्वे टीम के क्षेत्र में जाने की तिथि, सर्वे टीम के इंचार्ज के नाम व मोबाईल नम्बर की सूचना तीन दिन पूर्व एस.एम.एस. के माध्यम से कृषकों को भेजी जाय।

(iii)-सर्वेक्षण कार्य में हैन्डहेल्ड कम्प्यूटर/एन्ड्रायड बेस्ड मशीन का प्रयोग किया जाय।

(iv)-कृषकों के खेतों में पौधे गन्ने का सर्वेक्षण एवं पेडी गन्ने का सत्यापन करने के उपरान्त उनके खेतों के रकबे से सम्बन्धित सूचनाएं एस.एम.एस. के माध्यम से कृषकों को भेजी जाय।

(v)-सर्वे से सम्बन्धित आंकड़ों को चीनी मिलों द्वारा सीधे गन्ना विकास विभाग के सर्वर पर ऑनलाइन एक्सपोर्ट किया जायेगा। चीनी मिलें सर्वे सम्बन्धी ऑकड़ों को अपने सर्वर पर भी अनुरक्षित करेगीं तथा सर्वे पूर्ण होने के उपरान्त समस्त विवरण व आंकडें चीनी मिलें अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करेगीं एवं इसकी सूचना एस.एम.एस. के माध्यम से कृषकों को भेजी जायेगी।

2. (ब) गन्ना सर्वेक्षण में जी.पी.एस. का प्रयोग

गन्ना क्षेत्र का सर्वेक्षण जी.पी.एस. द्वारा कराये जाने के फलस्वरूप सर्वेक्षण में पारदर्शिता व शुद्धता आई है। जी.पी.एस. से सर्वे किये जाने पर समय की बचत के साथ-साथ व्यय भी कम हुआ एवं फर्जी सर्वे की सम्भावना व बिचौलियों की भूमिका में भी कमी आई है। सर्वे के समय सिर्फ पौधे गन्ने का गन्ना सर्वेक्षण जी.पी.एस. द्वारा किया जायेगा तथा पौधे गन्ने के खेत की चारों भुजाओं की माप की जायेगी। इसी कम में गत वर्ष का पौधा गन्ना जो प्रथम पेड़ी (First Ratoon) गन्ने के रूप में परिणित होगा, का हैण्डहेल्ड कम्प्यूटर (जी.पी.एस. युक्त) द्वारा मौके पर ही सिर्फ सत्यापन (Verification) किया जायेगा। साथ ही द्वितीय पेड़ी (Second Ratoon) एवं तृतीय पेड़ी (Third Ratoon) का भी सिर्फ सत्यापन करते हुए इनका विवरण कम्प्यूटरीकृत केन सर्वे रजिस्टर में दर्ज किया जायेगा। चीनी मिल क्षेत्रों में शरदकालीन गन्ना बुवाई के उपरान्त पौधे गन्ने के एस.एस.सी. से पूर्व में किये गये गन्ना सर्वेक्षण के आंकड़ें / विवरण, सर्वेक्षण प्रारम्भ होने से पूर्व एस.जी.के. पोर्टल पर अपलोड किये जायेंगें तथा इनका भी सिर्फ सत्यापन (Verification) सर्वे के समय स्थल पर किया जायेगा।

गन्ना सर्वेक्षण जी.पी.एस. द्वारा किया जायेगा तथा सर्वेक्षण उपरान्त हैण्डहेल्ड कम्प्यूटर (जी.पी.एस. युक्त) / एन्ड्रायड बेस्ड मशीन से सर्वे स्लिप मौके पर उपस्थित गन्ना कृषकों को उपलब्ध करायी जायेगी।

1.7 सर्वेक्षण की विधि :-

1.7.1 सर्वेक्षण कार्य राजस्व अभिलेख यथा खतौनी आदि के आधार पर प्लाटवार विभाग द्वारा निर्धारित कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर के प्रारूप पर किया जायेगा, जिसकी दो प्रतियां तैयार की जायेंगी। कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन रजिस्टर के प्रत्येक पृष्ठ पर राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक / समिति कर्मचारी एवं चीनी मिल कर्मचारी द्वारा नाम सहित हस्ताक्षर किया जायेगा।

1.7.2 गन्ना सर्वेक्षण के समय खेत उसी किसान के नाम अंकित किया जायेगा, जिसके नाम राजस्व अभिलेखों में भूमि अंकित हो, किन्तु राजस्व एवं सिंचाई विभाग द्वारा यदि किसी किसान को पट्टे पर भूमि दी गई है, तो इस सम्बन्ध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किए जाने पर बोये गये गन्ने का सर्वेक्षण पट्टेदार के नाम किया जायेगा।

इसी क्रम में यदि किसी कारणवश गन्ना सर्वेक्षण में किसी ऐसे कृषक का नाम दर्ज हो जाता है जिसके नाम राजस्व अभिलेखों में भूमि अंकित न हो अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा पट्टे के सम्बन्ध में प्रमाण पत्र निर्गत न हो, तो ऐसे कृषक का गन्ना सर्वेक्षण विधिमान्य नहीं होगा।

1.7.3 पौधे गन्ने का सर्वे खेत की चारों भुजाओं को नापते हुए क्षेत्रफल का आंगणन किया जायेगा।

1.7.4 गन्ना सर्वेक्षण करते समय अन्य सूचनाओं के साथ-साथ गन्ने की किस्मों के नाम, फसल की दशा आदि का विवरण सही प्रकार अंकित किया जायेगा, यदि खेत पौधशाला अथवा प्रदर्शन के रूप में बोया गया है, तो उसका क्षेत्रफल भी अंकित किया जायेगा।

1.7.5 गन्ना सर्वेक्षण करते समय ट्रेंच विधि द्वारा बुआई किये गये प्लाटों के विवरण को अभ्युक्ति के कालम में अंकित किया जायेगा। मानसून गन्ना बुआई/शरदकालीन गन्ना बुआई/बसन्तकालीन बुआई वाले खेतों/ड्रिप इरीगेशन वाले खेतों एवं सहफसली खेती भी यदि गन्ने के साथ की गयी है, तो उसका विवरण भी दर्ज किया जायेगा। इसी के साथ आदर्श मॉडल प्लाट के अन्तर्गत प्रत्येक गन्ना विकास परिषद् में चयनित उत्तम कृषकों का विवरण भी अलग से दर्ज किया जायेगा।

1.7.6 सर्वेक्षण के दौरान एकत्र विवरण को ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक तथा सम्बन्धित चीनी मिल के मुख्य गन्ना अधिकारी / मुख्य गन्ना प्रबन्धक / महाप्रबन्धक (गन्ना) के संयुक्त हस्ताक्षरों से प्रमाणित होने के बाद गन्ना विकास परिषद् में हार्ड / सॉफ्ट कॉपी में अनुरक्षित रखा जायेगा। 1.7.7 सर्वेक्षण कार्य के दौरान ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक प्रत्येक शुक्रवार को सर्वेक्षण की समीक्षा करते हुए, रिपोर्ट जिला गन्ना अधिकारी को उसी दिन उपलब्ध करायेंगे। जिला गन्ना अधिकारी, जोन से प्राप्त रिपोर्ट को संकलित कर सूचना सम्बन्धित उप गन्ना आयुक्त को प्रत्येक शनिवार को प्रेषित

करेंगे। क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त जिले से प्राप्त रिपोर्ट को संकलित कर 6-सर्वेक्षण की प्रगति प्रत्येक सोमवार को उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय), कार्यालय गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश को प्रेषित करेंगे। उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय) प्रदेश स्तर पर सूचना का संकलन कर गन्ना आयुक्त, उ.प्र. के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

सर्वेक्षण कार्य की समाप्ति के उपरान्त उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय), मुख्यालय के स्तर से प्रेषित किये जाने वाले प्रपत्रों पर, क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों द्वारा सर्वेक्षण सम्बन्धी सूचना संकलित कर सांख्यिकी अनुभाग, मुख्यालय को यथाशीघ्र उपलब्ध करायी जायेगी। गन्ना सर्वेक्षण कार्य का निरीक्षण एवं अनुश्रवण :-

गन्ना सर्वेक्षण का आकस्मिक निरीक्षण तथा प्रगति का अनुश्रवण समय-समय पर सम्बन्धित गन्ना समिति के सभापति, जिला गन्ना अधिकारी, क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त एवं मुख्यालय द्वारा गठित जांचदल द्वारा किया जायेगा। क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त स्वयं का, जिला गन्ना अधिकारियों तथा परिक्षेत्र में कार्यरत अपर/सहायक सांख्यिक अधिकारियों का निरीक्षण कार्यकम निर्धारित करेंगे। इसी प्रकार जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, विशेष सचिव/सचिव एवं ब्लाक प्रभारियों का निरीक्षण कार्यक्रम निर्धारित करेंगे। क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त तैयार किए गये निरीक्षण कार्यकम की एक प्रति उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय), कार्यालय आयुक्त गन्ना एवं चीनी, उत्तर प्रदेश को प्रेषित करेंगे। जिला गन्ना अधिकारी तैयार किए गये निरीक्षण कार्यक्रम की प्रति अपने कार्यालय में अनुरक्षित करते हुए, एक प्रति सम्बन्धित उप गन्ना आयुक्त को प्रेषित करेंगे। इसी कम में क्षेत्र में कार्यरत सहायक चीनी आयुक्त, खाण्डसारी अधिकारी एवं खाण्डसारी निरीक्षकों को भी सर्वे जांच हेतु अधिकृत किया जाता है तथा इनके सर्वे जांच के लक्ष्य कमशः जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं गन्ना विकास निरीक्षक के लक्ष्य के अनुरूप होंगे।जिन ग्रामों में विगत पेराई सत्र में गन्ना सर्वेक्षण सम्बन्धी अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थी, उनकी सूची जिलेवार / परिषदवार / चीनी मिलवार तैयार की जायेगी तथा ऐसे ग्रामों में सर्वेक्षण कार्यों की जांच विशेष सावधानी से की जायेगी।

3 प्रत्येक चीनी मिल के प्रधान प्रबन्धक / यूनिट हेड, महाप्रबन्धक (गन्ना), मुख्य लेखाकार, मुख्य रसायनविद तथा मुख्य अभियंता भी अपने मिल क्षेत्र में गन्ना सर्वेक्षण की जाँच करेंगे। मिल क्षेत्र में गन्ना सर्वेक्षण हेतु प्रधान प्रबन्धक एवं महाप्रबन्धक (गन्ना) उत्तरदायी होंगे तथा वह भी सर्वेक्षण कार्यों का दैनिक निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे।

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समस्त उप गन्ना आयुक्त अपने परिक्षेत्र से सम्बन्धित सभी निरीक्षण अधिकारियों की संकलित सर्वे निरीक्षण रिपोर्ट पाक्षिक रूप से उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय) को प्रेषित करेंगे तथा शिथिल अधिकारियों के सम्बन्ध में आवश्यक संस्तुति भी करेंगे।

सर्वेक्षण की प्रगति प्रत्येक सोमवार को उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय), कार्यालय गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश को प्रेषित करेंगे। उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय) प्रदेश स्तर पर सूचना का संकलन कर गन्ना आयुक्त, उ.प्र. के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

सर्वेक्षण कार्य की समाप्ति के उपरान्त उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय), मुख्यालय के स्तर से प्रेषित किये जाने वाले प्रपत्रों पर, क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्तों द्वारा सर्वेक्षण सम्बन्धी सूचना संकलित कर सांख्यिकी अनुभाग, मुख्यालय को यथाशीघ्र उपलब्ध करायी जायेगी।

गन्ना सर्वेक्षण कार्य का निरीक्षण एवं अनुश्रवण :-

गन्ना सर्वेक्षण का आकस्मिक निरीक्षण तथा प्रगति का अनुश्रवण समय-समय पर सम्बन्धित गन्ना समिति के सभापति, जिला गन्ना अधिकारी, क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त एवं मुख्यालय द्वारा गठित जांचदल द्वारा किया जायेगा। क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त स्वयं का, जिला गन्ना अधिकारियों तथा परिक्षेत्र में कार्यरत अपर/सहायक सांख्यिक अधिकारियों का निरीक्षण कार्यकम निर्धारित करेंगे। इसी प्रकार जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, विशेष सचिव/सचिव एवं ब्लाक प्रभारियों का निरीक्षण कार्यक्रम निर्धारित करेंगे। क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त तैयार किए गये निरीक्षण कार्यकम की एक प्रति उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय), कार्यालय आयुक्त गन्ना एवं चीनी, उत्तर प्रदेश को प्रेषित करेंगे। जिला गन्ना अधिकारी तैयार किए गये निरीक्षण कार्यक्रम की प्रति अपने कार्यालय में अनुरक्षित करते हुए, एक प्रति सम्बन्धित उप गन्ना आयुक्त को प्रेषित करेंगे। इसी कम में क्षेत्र में कार्यरत सहायक चीनी आयुक्त, खाण्डसारी अधिकारी एवं खाण्डसारी निरीक्षकों को भी सर्वे जांच हेतु अधिकृत किया जाता है तथा इनके सर्वे जांच के लक्ष्य कमशः जिला गन्ना अधिकारी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं गन्ना विकास निरीक्षक के लक्ष्य के अनुरूप होंगे।

जिन ग्रामों में विगत पेराई सत्र में गन्ना सर्वेक्षण सम्बन्धी अधिक शिकायतें प्राप्त हुई थी, उनकी सूची जिलेवार / परिषदवार / चीनी मिलवार तैयार की जायेगी तथा ऐसे ग्रामों में सर्वेक्षण कार्यों की जांच विशेष सावधानी से की जायेगी।

3 प्रत्येक चीनी मिल के प्रधान प्रबन्धक / यूनिट हेड, महाप्रबन्धक (गन्ना), मुख्य लेखाकार, मुख्य रसायनविद तथा मुख्य अभियंता भी अपने मिल क्षेत्र में गन्ना सर्वेक्षण की जाँच करेंगे। मिल क्षेत्र में गन्ना सर्वेक्षण हेतु प्रधान प्रबन्धक एवं महाप्रबन्धक (गन्ना) उत्तरदायी होंगे तथा वह भी सर्वेक्षण कार्यों का दैनिक निरीक्षण सुनिश्चित करेंगे।

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समस्त उप गन्ना आयुक्त अपने परिक्षेत्र से सम्बन्धित सभी निरीक्षण अधिकारियों की संकलित सर्वे निरीक्षण रिपोर्ट पाक्षिक रूप से उप गन्ना आयुक्त (सांख्यिकीय) को प्रेषित करेंगे तथा शिथिल अधिकारियों के सम्बन्ध में आवश्यक संस्तुति भी करेंगे।

-7-5 गन्ना आयुक्त अधिष्ठान के अधिकारियों द्वारा आकस्मिक निरीक्षण :

गन्ना आयुक्त अधिष्ठान के वरिष्ठ अधिकारी भी यथा निर्देश समय-समय पर सर्वेक्षण कार्य का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।

• गन्ना सर्वेक्षण कार्यों का सत्यापन निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा परिशिष्ट-1

एवं 2 में दिये गये मानक के अनुसार किया जायेगा। अतः समस्त निरीक्षणकर्ता अधिकारी अपने लक्ष्यों की पूर्ति समयान्तर्गत सुनिश्चित करेंगे।

गश्तियों को गोश्वारा सहित पूर्ण करना तथा सर्वे आंकड़ों को अन्तिम रूप दिया जाना :-

सर्वेक्षण समाप्ति के बाद कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर में गन्ना क्षेत्रफल का सारांश (गोश्वारा) तैयार कराते हुए दिनांक 11 जून, 2024 से 14 जून, 2024 के मध्य कम्प्यूटरीकृत गश्ती केन सर्वे रजिस्टर के अंतिम पृष्ठ पर सम्बन्धित चीनी मिल के सर्वे कर्मी, विभागीय गन्ना पर्यवेक्षक / समिति कार्मिक, सम्बन्धित ब्लाक इंचार्ज, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं चीनी मिल के महाप्रबन्धक (गन्ना) के संयुक्त हस्ताक्षर उपरांत सर्वे आंकडों को अन्तिम किया जायेगा।

– सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त अंतिम हुए आंकड़ों (Final Data) की एक पी.डी.एफ. (P.D.F.) फाइल एवं पेनड्राइव में अनुरक्षित कर चीनी मिलें संबंधित ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं जिला गन्ना अधिकारी को साफ्ट एवं हार्ड कापी में उपलब्ध करायेंगी। संबंधित ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक एवं जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय में यह आंकड़े अनुरक्षित किये जायेगें। सम्बन्धित जिला गन्ना अधिकारी एवं क्षेत्रीय उप गन्ना आयुक्त चीनी मिलों द्वारा प्रेषित आंकड़ों का मिलान एस.जी. के. पर उपलब्ध गन्ना सर्वेक्षण के आंकड़ों से भी अवश्य करेंगें तथा आंकडो के अनुरक्षण हेतु उत्तरदायी होगें।

नये सदस्यों का पंजीयन :-

नये सदस्य बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा तथा सर्वेक्षण के दौरान नये सदस्यों का पंजीकरण भी कराया जायेगा। पेराई सत्र 2024-25 के लिए 30 सितम्बर, 2024 तक बनाये गये सदस्यों को ही गन्ना आपूर्ति की सुविधा अनुमन्य होगी। मृतक सदस्यों के वारिस उत्तर प्रदेश सहकारी समिति नियमावली, 1968 के नियम-77 से 80 एवं समिति की उपविधियों के प्राविधानों के अन्तर्गत सदस्य बनाये जायेंगे। नये सदस्यों से उनकी तीन प्रतियों में पासपोर्ट साइज की फोटो, भू-अभिलेख एवं बैंक खाता नम्बर एवं मोबाइल नम्बर लिया जाय, जिसे समिति अभिलेखों में अनुरक्षित किया जाय, जो नये सदस्य बनाये जायेंगे, उनके भूमि अभिलेखों का सत्यापन तहसील/एन.आई.सी. से कम्प्यूटर प्रिन्ट आउट लेकर कराया जायेगा। अग्रेतर नये सदस्यों का सट्टा तभी संचालित किया जायेगा जब

-8-नये सदस्यों का सट्टा तभी संचालित किया जायेगा जब

-8-

वह अपना बैंक खाता नम्बर अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा देंगे। बिना बैंक खाता संख्या के सट्टा संचालन नहीं किया जायेगा।

5- उपज बढ़ोत्तरी हेतु प्राप्त प्रार्थना पत्रों का सूचीकरण :-

प्रत्येक चीनी मिल के लिए प्रति हेक्टेयर औसत उपज काप कटिंग प्रयोगों के आधार पर जिलेवार निकाली जाती है। कुछ किसानों द्वारा यह मांग की जाती है कि उनके खेत में उत्पादकता औसत उपज से अधिक है तथा इसके आधार पर उनकी उपज एवं कुल गन्ना उत्पादन को संशोधित करके बेसिक कोटा/सट्टे का आंकलन किया जाय। उपज बढ़ोत्तरी सम्बन्धी कृषकों के आवेदन-पत्र गन्ना सर्वेक्षण प्रारम्भ करने से लेकर दिनांक 30 सितम्बर, 2024 तक दे सकते हैं। इस हेतु अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कृषकों, लघु कृषकों एवं अन्य कृषकों से कमशः रू.10 (रूपया दस मात्र), रू.100 (रूपया एक सौ मात्र) एवं रू.200 (रूपया दो सौ मात्र) प्रति कृषक शुल्क जमा कराया जायेगा। पंचामृत से आच्छादित ‘उत्तम कृषकों से उपर्युक्तानुसार शुल्क नहीं लिया जायेगा।

गन्ना सर्वेक्षण के सुचारू सम्पादन हेतु उत्तरदायित्व का निर्धारणः-

उपर्युक्त दिए गये निर्देशों के अनुसार गन्ना सर्वेक्षण कार्यों के कुशल सम्पादन हेतु जोन स्तर पर ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, जिला स्तर पर जिला गन्ना अधिकारी एवं परिक्षेत्र स्तर पर सम्बन्धित उप गन्ना आयुक्त उत्तरदायी होगें।

उपर्युक्त क्रम में मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में गन्ना सर्वेक्षण का अतिमहत्वपूर्ण कार्य पूर्ण शुचिता एवं स्थलीय स्थिति के अनुरूप समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जायेगा।

(गन्ना आयुक्त उत्तर प्रदेश)

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